bhartiya kavyashastra ki parampara - भारतीय काव्यशास्त्र की परंपरा

भारतीय काव्यशास्त्र की परंपरा : भारतीय साहित्य की अमूल्य धरोहर

भारतीय काव्यशास्त्र (Indian Poetics) भारतीय साहित्य और कला की वह विधा है, जिसमें काव्य के सिद्धांत, स्वरूप और उसकी सौंदर्यशास्त्रीय व्याख्या की जाती है। यह विश्व साहित्य के अध्ययन में अपनी समृद्ध परंपरा, गहराई और मौलिकता के लिए विशेष स्थान रखता है। भारतीय काव्यशास्त्र ने न केवल भारतीय भाषाओं की साहित्यिक विधाओं को समृद्ध किया,…

अरस्तु का अनुकरण सिद्धांत

अरस्तु का अनुकरण सिद्धांत

अरस्तु (Aristotle) प्राचीन ग्रीक दर्शन के एक प्रमुख विचारक थे, यूनानी भाषा में अरस्तु का वास्तविक नाम, अरिस्तोतेलेस है. उनकी प्रतिभा बहुमुखी थी. वे अनेक विधाओं के आचार्य थे. इन्होंने दर्शन, राजनीति, काव्य, नाटक, विज्ञान, और तर्कशास्त्र जैसे कई क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया। उनके साहित्यिक और काव्यशास्त्रीय विचारों में “अनुकरण सिद्धांत” (Theory of Imitation)…

अरस्तु का त्रासदी सिद्धांत

अरस्तु का त्रासदी सिद्धांत (भाग 2)

यह लेख अरस्तु के त्रासदी सिद्धांत का भाग-2 है. इसे पढने से पहले आप भाग-1 पढ़ लीजिये जिसका लिंक यह है – अरस्तु का त्रासदी सिद्धांत(भाग-1)   त्रासदी के मुख्य घटक अरस्तु ने त्रासदी के अंगों का विवेचन संरचनात्मक-विश्लेषणात्मक पद्धति से किया है। उन्होंने त्रासदी के 6 अनिवार्य अंग स्वीकार किये है:- १) कथानक(plot) २) चित्रण(charcter)…

अरस्तु का त्रासदी सिद्धांत

अरस्तु का त्रासदी सिद्धांत

अरस्तु, जिन्हें विश्व के महानतम दार्शनिकों में से एक माना जाता है, ने साहित्य, दर्शन, और विज्ञान के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके साहित्यिक योगदान में “पोएटिक्स”(काव्यशास्त्र) का विशेष स्थान है। उन्होंने काव्य की रचना, संरचना और प्रभाव-तीनो पक्षों पर अपने इस पुस्तक में विचार किया है, किन्तु जितना विचार उन्होंने…